हिंदी प्रेरक कहानी: मातृ भक्त बालक

Jun 04, 2025, 11:17 AM

मातृ भक्त बालक

यह कहानी लगभग 550 साल पहले की है जब यूरोप में कई छोटे-छोटे राज्य थे, जो अक्सर एक-दूसरे से युद्ध करते रहते थे।

मातृ भक्त बालक

कहानी में दो राज्य, सिलो और मेडोन, मुख्य भूमिका निभाते हैं। सिलो के राजा ने घोषणा की कि जो व्यक्ति दुश्मन के फौज का भेद लाएगा, उसे इनाम दिया जाएगा।

मातृ भक्त बालक

पोपो, जो सिलो राज्य में रहता था और जिसकी मां बीमार थी, ने यह चुनौती स्वीकार की ताकि वह अपनी मां का इलाज करा सके।

मातृ भक्त बालक

पोपो ने समुद्र पार करके मेडोन के किले में प्रवेश किया और दुश्मन के फौज की जानकारी इकट्ठा कर ली।

मातृ भक्त बालक

हालांकि, मेडोन के सैनिकों को उस पर शक हो गया और उसे पकड़कर एक टापू के किले में कैद कर दिया गया।

मातृ भक्त बालक

पोपो ने वहां से भागने की योजना बनाई और एक तख्ता का उपयोग कर नाव बना ली, लेकिन पकड़ा गया।

मातृ भक्त बालक

राजा ने पोपो की मातृभक्ति और साहस से प्रभावित होकर उसे न केवल रिहा किया बल्कि उसे ढेर सारा सामान भी दिया।

मातृ भक्त बालक

कहानी पोपो की अदम्य साहस और अपनी मां के प्रति उसके असीम प्रेम को दर्शाती है,

मातृ भक्त बालक

जो हर परिस्थितियों में अपने लक्ष्य को पाने के लिए तत्पर रहता है।