Read Full Story
बारिश के बाद, चारों ओर हरियाली छाई हुई थी और पेड़ पानी से धुले हुए थे, जिससे एक नई छटा दिख रही थी। मधुमक्खी फूलों से परागकण एकत्र कर रही थी।
Read Full Story
मधुमक्खी ने कुएं के मेंढ़क को बाहर आने और खूबसूरत मौसम का आनंद लेने के लिए कहा, लेकिन मेंढ़क ने खतरे के डर से आने से मना कर दिया।
Read Full Story
मेंढ़क ने बताया कि उसका एक साथी कुएं से बाहर निकला था और सांप ने उसे खा लिया था, इसलिए वह कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहता।
Read Full Story
मधुमक्खी ने बार-बार मेंढ़क को बाहर आने के लिए प्रेरित किया, लेकिन मेंढ़क अपने पूर्वाग्रहों के कारण बाहर आने में हिचकिचा रहा था।
Read Full Story
मधुमक्खी ने बाहर के सुंदर इंद्रधनुष और प्रकृति के अन्य सुंदर दृश्यों का वर्णन किया, लेकिन मेंढ़क ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
Read Full Story
अंततः, मक्खी के आग्रह पर मेंढ़क कुएं से बाहर आया और उसने इंद्रधनुष और बारिश का अद्भुत दृश्य देखा।
Read Full Story
मेंढ़क ने महसूस किया कि अगर वह बाहर नहीं आता, तो वह इस सुंदरता से वंचित रह जाता और उसने मक्खी का धन्यवाद किया।
Read Full Story
कहानी का संदेश यह है कि पूर्वाग्रहों को छोड़कर जीवन में नए अनुभवों के लिए तैयार रहना चाहिए
Read Full Story
और सफलता पाने के लिए कुछ खतरे उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
Read Full Story