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एक गरीब किसान दिनभर मेहनत करके थोड़ा-थोड़ा अनाज इकट्ठा करता था और उसे भविष्य के लिए एक पोटली में बांधकर रखता था।
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एक दिन जब वह अनाज की भारी पोटली लेकर घर लौट रहा था, तो थकान के कारण पेड़ के नीचे सो गया।
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उसे पता नहीं था कि पोटली में एक छोटा सा छेद हो गया था, जिससे अनाज के दाने धीरे-धीरे गिर रहे थे।
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जब वह जागा, तो उसने महसूस किया कि उसकी पोटली हल्की हो गई है और अनाज के दाने रास्ते में गिर चुके हैं।
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किसान ने अनाज को इकट्ठा करने की कोशिश की, लेकिन धूल और मिट्टी के कारण वे खाने लायक नहीं बचे थे।
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इस घटना से किसान ने सीखा कि समय की तरह अनाज भी धीरे-धीरे निकल जाता है और अगर समय रहते सचेत नहीं हुए, तो पछताना पड़ेगा।
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उसने खुद से वादा किया कि अब से वह हर पल का सही उपयोग करेगा और समय को व्यर्थ नहीं गंवाएगा।
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कहानी का मुख्य संदेश है कि समय अनमोल है और इसे व्यर्थ नहीं करना चाहिए क्योंकि बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता।
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जागरूक होकर हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।
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