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कहानी "मासूम शुभम और उसके प्यारे खरगोश" में शुभम नामक एक बच्चे की कहानी है जो अपने तीन खरगोशों—चिंटू, मिंटू, और पिंटू से बहुत प्यार करता है।
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शुभम हर दिन अपने खरगोशों के लिए ताज़ी घास लाता है, लेकिन एक दिन जल्दबाजी में वह उन्हें खाना देना भूल जाता है, जिससे खरगोश पार्क में चले जाते हैं।
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स्कूल से लौटने पर शुभम को पता चलता है कि उसके खरगोश गायब हैं, और वह उन्हें ढूंढने के लिए गाँव भर में खोजबीन करता है।
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शुभम की उदासी तब खुशी में बदल जाती है जब वह अपने तीनों खरगोशों को पार्क के कोने में घास खाते हुए पाता है।
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शुभम को अपनी गलती का एहसास होता है और वह अपने खरगोशों से माफी मांगता है, यह वादा करते हुए कि वह उन्हें कभी भूखा नहीं छोड़ेगा।
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इस घटना के बाद, शुभम हर दिन समय पर उठकर अपने खरगोशों के लिए घास लाने का संकल्प लेता है और उनके लिए एक छोटा बगीचा भी बनाता है।
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शुभम की देखभाल देखकर गाँव के अन्य बच्चे भी प्रेरित होते हैं और अपने पालतू जानवरों का ध्यान रखना शुरू कर देते हैं।
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कहानी बच्चों को यह सिखाती है कि पालतू जानवरों की देखभाल में लापरवाही नहीं करनी चाहिए और दूसरों का दुख समझने वाले ही अच्छे इंसान बनते हैं।
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यह प्रेरणादायक कहानी बच्चों में जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देती है और उन्हें अपने दोस्तों और जानवरों का ध्यान रखने की सीख देती है।
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