आलसी भालू और मेहनती किसान की प्रेरक कहानी

Mar 31, 2025, 11:31 AM

Inspirational story of the lazy bear and the hardworking farmer

यह कहानी बंगाल के वीरभूमि जिले की है, जहाँ 5,000 साल पहले रामदेव नाम का एक युवक रहता था। गाँव की उपजाऊ शक्ति कम होने के कारण जीवन यापन कठिन था।

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रामदेव के माता-पिता के निधन के बाद उसके पास न तो खेती के लिए जमीन थी और न ही व्यापार के लिए धन। जीवन की कठिनाइयों से जूझते हुए, उसने नए अवसरों की तलाश की।

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जंगल में घूमते हुए, रामदेव को एक खूबसूरत नदी किनारे शलजम की खेती का विचार आया। उसने मेहनत से खेती शुरू की।

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एक भालू ने रामदेव को धमकाया, लेकिन रामदेव ने चतुराई से सौदा किया। उसने भालू से वादा किया कि वह मेहनत में मदद करेगा तो उसे भी फसल का हिस्सा मिलेगा।

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पहली फसल में रामदेव ने जड़ें अपने पास रखीं और भालू को पत्ते दिए, जिससे भालू को असंतोष हुआ क्योंकि जड़ें मीठी थीं और पत्ते कड़वे।

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दूसरी बार रामदेव ने गेहूँ की फसल बोई। भालू ने जोर दिया कि उसे जड़ें चाहिए, लेकिन वे सख्त और बिना स्वाद की थीं। रामदेव ने उसे समझाया कि मेहनत के बिना मीठा फल नहीं मिलता।

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अंततः भालू ने मेहनत का महत्व समझा और अगली बार फसल में मेहनत की। इस बार उसे फसल का असली स्वाद मिला और उसने मेहनत का महत्व समझा।

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कहानी का मुख्य संदेश यह है कि मेहनत से ही असली सफलता और मिठास मिलती है।

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आलसी होने पर केवल असंतोष ही मिलता है। मेहनत से जीवन में खुशियाँ आती हैं।