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जगुआर बिल्ली परिवार का तीसरा सबसे बड़ा सदस्य है और यह सिंह और बाघ से अधिक ताकतवर होता है। इसके जबड़े और दांत इतने मजबूत होते हैं कि यह कछुओं की मोटी खोल या कठोर हड्डियों को भी काट सकता है।
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यह मुख्य रूप से मध्य और दक्षिण अमेरिका के घने वर्षावनों और दलदली इलाकों में पाया जाता है, लेकिन उत्तरी अमेरिका में इसकी संख्या कम हो गई है और अब यह केवल मेक्सिको के कुछ हिस्सों में सीमित है।
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एक वयस्क जगुआर की लंबाई लगभग 2 मीटर होती है और इसका वजन 100 किलोग्राम तक हो सकता है। इसकी खाल पर बड़े गोल काले निशान होते हैं, जो इसे तेंदुए से अलग बनाते हैं।
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जगुआर का शिकार करने का तरीका अन्य बड़े शिकारी जैसे सिंह और बाघ से अलग होता है, क्योंकि यह शिकार के सिर को काटता है, न कि गर्दन को।
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यह पानी में भी शिकार करने में माहिर होता है और बड़ी नदियों को पार करने की क्षमता रखता है, इसलिए यह नदियों, झीलों और दलदली क्षेत्रों के पास रहना पसंद करता है।
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प्रजनन के मामले में, नर और मादा केवल मैथुन के लिए मिलते हैं और मादा अकेली शावकों की देखभाल करती है। मादा एक बार में 2-4 शावकों को जन्म देती है।
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जगुआर की औसत आयु वन्य अवस्था में लगभग 20 वर्ष होती है।
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इसकी घटती संख्या का मुख्य कारण दक्षिण अमेरिका के वर्षावनों का कटान है, जो पशुपालन, खनन और लकड़ी के लिए हो रही है, जिससे इनके निवास स्थान खत्म हो रहे हैं।
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जगुआर के संरक्षण के लिए जंगलों का संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जंगलों पर निर्भर जीव है।
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जगुआर और तेंदुए में अंतर होता है, जैसे कि जगुआर के निशान बड़े और कम होते हैं, जबकि तेंदुए के निशान छोटे और अधिक संख्या में होते हैं।
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