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यह कहानी एक साधारण उल्लू, घूमा, और हंस, स्वानराज की दोस्ती पर आधारित है, जो झूठी शान की वजह से त्रासदी में बदल जाती है।
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घूमा, जो अपने दोस्त स्वानराज को प्रभावित करने के लिए खुद को उल्लुओं का राजा बताता है, झूठ बोलता है कि किले की सैनिक परेड उसकी शान का हिस्सा है।
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स्वानराज को प्रभावित करने के लिए, घूमा ने झूठी कहानियाँ गढ़ीं और उसे अपने महल में बुलाने का वादा किया।
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सैनिकों की परेड को अपने सम्मान में बताकर, घूमा ने स्वानराज को बेवकूफ बनाया, लेकिन जब सैनिक उल्लू की आवाज को अपशकुन मानकर तीर चलाते हैं, तो स्वानराज मारा जाता है।
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घूमा, अपने झूठ की वजह से, खुद भी एक भूखे सियार का शिकार बन जाता है।
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इस दुखद अंत के साथ, कहानी एक महत्वपूर्ण सबक देती है कि झूठी शान और दिखावा हानिकारक हो सकते हैं।
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कहानी बच्चों को यह सिखाती है कि सच्चाई और ईमानदारी से जीवन जीना ही सबसे बड़ा गुण है।
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दोस्ती में सच्चाई और विश्वास का महत्व बताया गया है, और यह कि अपने असली रूप में गर्व करना चाहिए।
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छोटे झूठ भी जीवन में बड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं, इसलिए हमेशा सच बोलना चाहिए।
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