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एक हरे-भरे जंगल में, चिया नाम की एक नन्ही गिलहरी और उसका भाई बनी रहते थे, जिन्हें अपनी चीज़ें इधर-उधर फेंकने की आदत थी।
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उनकी माँ ने कई बार समझाया, लेकिन जब बच्चों ने नहीं सुना, तो उन्होंने सख्ती से डांटकर उनके फल-मेवे एक टोकरे में बंद कर दिए और एक दिन के लिए खाने से रोक दिया।
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इस सजा ने चिया और बनी को उनकी गलती का एहसास कराया और उन्होंने अपनी जगह को साफ रखना शुरू किया।
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बच्चों ने माँ से वादा किया कि वे अब अनुशासन में रहेंगे और अपनी चीज़ों का ध्यान रखेंगे।
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माँ ने प्यार से समझाया कि डांट का उद्देश्य सही रास्ता दिखाना होता है, ताकि बच्चे ज़िम्मेदार बन सकें।
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अगले दिन, चिया और बनी ने अपनी जगह की सफाई की, जिससे माँ बहुत खुश हुईं और उन्हें उनके मेवे वापस दे दिए।
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चिया और बनी ने अनुशासन का महत्व समझा और अब वे अपनी आदतों में सुधार कर चुके थे।
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माँ ने कहा कि प्यार के साथ थोड़ी डांट भी ज़रूरी होती है,
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ताकि बच्चे भविष्य में अच्छी आदतें अपना सकें।
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