Read Full Story
एक जंगल में एक बड़ा पेड़ था, जिस पर एक चिड़िया अपने बच्चों के साथ और एक बंदर रहता था। बंदर दिनभर मस्ती करता और कुछ काम नहीं करता था, जबकि चिड़िया अपने और अपने बच्चों के लिए खाना जुटाती थी।
Read Full Story
बारिश के मौसम की तैयारी में चिड़िया अपना घोंसला बड़ा बना रही थी ताकि बारिश में उसे और उसके बच्चों को कोई परेशानी न हो। बंदर उसकी मेहनत पर हंसता और कहता "कल किसने देखा है, मज़े से आज में जियो!"
Read Full Story
बारिश शुरू होते ही चिड़िया अपने बच्चों के साथ सुरक्षित घोंसले में चली गई, जबकि बंदर बारिश में भीगता और ठंड से कांपता रहा। उसके पास न खाने के लिए कुछ था और न ही आराम से बैठने की जगह।
Read Full Story
बंदर को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने चिड़िया का घोंसला तोड़ने की कोशिश की, जिससे चिड़िया और उसके बच्चे गिर पड़े। चिड़िया ने रोकर पूछा कि उसने बंदर का क्या बिगाड़ा था।
Read Full Story
चिड़िया ने घोंसला मजबूत बनाया था, इसलिए बंदर उसे नहीं तोड़ पाया। बंदर ने अपनी गलती समझी और चिड़िया से माफी मांगी।
Read Full Story
चिड़िया को बंदर पर दया आ गई और उसने उसे घोंसले में रहने के लिए जगह दे दी।
Read Full Story
यह कहानी हमें सिखाती है कि भविष्य की तैयारी करना महत्वपूर्ण है और मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है।
Read Full Story
कहानी का अंत यह संदेश देता है कि यदि हम दूसरों की मदद करते हैं
Read Full Story
और उनकी गलतियों को माफ करते हैं, तो दुनिया एक बेहतर जगह बन सकती है।
Read Full Story