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कहानी एक बाज के अंडे से शुरू होती है जो गलती से मुर्गी के अंडों के बीच आ जाता है। कुछ दिनों बाद, अंडे से चूजे निकलते हैं और बाज का बच्चा भी उनमें से एक होता है।
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बाज का बच्चा मुर्गी के चूजों के साथ बड़ा होता है और उन्हीं की तरह मिट्टी में खेलता, दाना चुगता और चूँ-चूँ करता है। वह केवल थोड़ी ऊंचाई पर उड़ पाता है।
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एक दिन, बाज का बच्चा एक असली बाज को ऊंचाई पर उड़ते हुए देखता है और चूजों से उसके बारे में पूछता है। चूजे बताते हैं कि वह बाज है, पक्षियों का राजा, और बहुत ताकतवर होता है।
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चूजे बाज के बच्चे को कहते हैं कि वह बाज की तरह नहीं उड़ सकता क्योंकि वह खुद एक चूजा है। बाज का बच्चा इसे सच मान लेता है और कभी कोशिश नहीं करता।
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कहानी का संदेश यह है कि हममें से कई लोग अपनी असली क्षमता को जाने बिना साधारण जीवन जीते रहते हैं। हमारा परिवेश हमें मामूली बना सकता है, जबकि हमारे पास अपार संभावनाएँ होती हैं।
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यह कहानी हमें अपनी क्षमताओं को पहचानने और अपनी वास्तविकता को समझने की प्रेरणा देती है। हमें खुद पर और अपनी काबिलियत पर विश्वास करना चाहिए।
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कहानी हमें यह सीख देती है कि हमें अपने परिवेश से प्रभावित नहीं होना चाहिए
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और अपनी असली क्षमता को पहचानकर ऊंचाईयों पर उड़ान भरने की कोशिश करनी चाहिए।
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अंत में, कहानी हमें प्रेरित करती है कि हम अपनी सीमाओं को तोड़ें और अपनी असली शक्ति और क्षमता का उपयोग करें।
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