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यह कहानी एक जंगल की है, जिसमें एक रंग-बिरंगा तोता रंगू और एक चालाक बंदर चीकू शामिल हैं, जो हमें यह सिखाती है कि हर किसी की अपनी अनोखी पहचान होती है।
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चीकू बंदर ने रंगू तोते की नकल करने की कोशिश की ताकि वह भी जंगल का स्टार बन सके, लेकिन उसकी नकल असफल रही और जानवर डर गए।
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रंगू ने चीकू को समझाया कि उसकी अपनी खासियत है और उसे उसकी मस्ती और मज़ाकिया अंदाज़ के लिए सभी पसंद करते हैं।
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चीकू ने महसूस किया कि अपनी पहचान को भूलकर किसी की नकल करना सही नहीं है और वह अपनी असली पहचान में लौट आया।
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जंगल में एक सभा आयोजित की गई, जहां रंगू और चीकू ने सभी जानवरों को अपनी खासियत को महत्व देने की सीख दी।
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चीकू ने बच्चों को समझाया कि सीखना जरूरी है, लेकिन अपनी पहचान को खोना नहीं चाहिए।
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कहानी का मुख्य संदेश यह है कि हर किसी की अपनी खासियत होती है और दूसरों की नकल करना खुद को खोने जैसा है।
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यह कहानी बच्चों को सिखाती है कि खुद से प्यार करना और अपनी अनोखी विशेषताओं को पहचानना जरूरी है।
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कहानी ने यह भी बताया कि जंगल की खूबी यह है कि हर प्राणी की अपनी विशेषता होती है, जिसे पहचानना और सराहना जरूरी है।
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इस कहानी के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि नकल से नहीं, बल्कि समझ से सीख मिलती है।
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