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लोमी लोमड़ी जंगल में भूख से व्याकुल होकर खाने की तलाश में घूम रही थी, लेकिन उसे खाने के लिए कुछ नहीं मिल रहा था।
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जंगल में भटकते हुए, लोमी नदी के किनारे एक अंगूर के बगीचे में पहुंची, जहां उसे अंगूर के रसीले गुच्छे दिखाई दिए, लेकिन वे ऊंचाई पर थे।
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लोमी ने अंगूर तक पहुंचने के लिए कई बार कूदने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाई, जिससे वह निराश हो गई।
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इस दौरान, एक हिरण वहां आया और लोमी से बातचीत की। हिरण ने भी अंगूर तक पहुंचने की कोशिश की थी, लेकिन वह भी असफल रहा।
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हिरण ने लोमी को सलाह दी कि वह भी बेकार की कोशिशें छोड़कर घर चली जाए, लेकिन लोमी ने एक योजना बनाई।
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लोमी ने हिरण को अंगूर के गुच्छे के नीचे खड़ा किया और उसकी पीठ पर चढ़कर अंगूर तक पहुंच गई, जिससे दोनों ने मिलकर अंगूर का आनंद लिया।
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लोमी ने यह महसूस किया कि उन्होंने मेहनत और दिमाग का इस्तेमाल करके अंगूर हासिल किए हैं,
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जो हमेशा मीठे होते हैं।
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इस कहानी का संदेश है कि सामूहिक प्रयास और समझदारी से मुश्किल कार्य भी संभव हो सकते हैं।
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