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जंगल की कहानी में एक बूढ़ा शेर शिकार करने में असमर्थ हो जाता है और अपने साथी ऊंट को शिकार बना लेता है।
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शेर अपने साथी गीदड़ से कहता है कि वह ऊंट की रखवाली करे ताकि कोई दूसरा जानवर उसे न खा सके। शेर स्नान के लिए जाता है, और गीदड़ को ऊंट की देखभाल सौंपता है।
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गीदड़ सोचता है कि शारीरिक बल के बजाय बुद्धि बल सबसे बड़ा होता है, और वह शेर को धोखा देने की योजना बनाता है।
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जब एक कौवा ऊंट के पास आता है, तो गीदड़ उसे खाने के लिए प्रेरित करता है, लेकिन जैसे ही कौवा ऊंट को चोंच मारता है, वह शेर के आने की चेतावनी देकर उसे भगा देता है।
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शेर के आने पर, गीदड़ शेर को धोखा देने के लिए ऊंट की चोंच मारी हुई जगह को देखता रहता है, जिससे शेर को लगता है कि भेड़िए ने ऊंट को खा लिया है।
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गीदड़ शेर से कहता है कि ऊंटों का एक काफिला बदला लेने आ रहा है, जिससे शेर डरकर भाग जाता है।
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शेर के भागने के बाद, गीदड़ ऊंट की लाश को अपनी गुफा में ले जाता है और कई दिनों तक अपने परिवार के साथ उसका आनंद लेता है।
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कहानी का मुख्य संदेश यह है कि बुद्धि बल सबसे बड़ा होता है,
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और गीदड़ अपनी बुद्धिमानी से शेर और अन्य जानवरों को चकमा देने में सफल होता है।
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