Read Full Story
भोला भालू ने जंगल में एक मिठाई की दुकान खोल रखी थी। उनकी मिठाइयाँ स्वादिष्ट थीं और बहुत बिकती थीं।
Read Full Story
भोला भालू दिल से बहुत भोला था और हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता था, चाहे वह कोई भी जानवर हो।
Read Full Story
हरिया हिरण के घर मेहमान आने वाले थे, इसलिए उसने भोला भालू से मिठाई की टोकरी तैयार करने को कहा।
Read Full Story
हरिया ने मिठाई की टोकरी के लिए 80 रुपये में से केवल 50 रुपये दिए और बाकी रुपये बाद में देने का वादा किया।
Read Full Story
लीचड़ लोमड़, जो दूसरों को मूर्ख बनाने में माहिर था, ने भोला भालू को धोखा देने की कोशिश की और बाकी के 30 रुपये देकर मिठाई की टोकरी ले ली।
Read Full Story
भोला भालू ने चालाकी से लीचड़ लोमड़ को धोखा दिया। उसने मिठाई की टोकरी में ऊपर से मिठाई और नीचे पत्थर व घास फूँस रख दी।
Read Full Story
लीचड़ लोमड़ ने जब मिठाई की टोकरी खोली, तो उसे केवल कुछ मिठाई और नीचे पत्थर व घास फूँस मिला।
Read Full Story
अंत में, लीचड़ लोमड़ को एहसास हुआ कि भोला भालू ने उसे भी चतुराई से मूर्ख बना दिया था।
Read Full Story
कहानी का संदेश यह है कि भोला भालू भले ही सीधा-सादा था, लेकिन मूर्ख नहीं था और उसने अपनी बुद्धिमानी से लीचड़ लोमड़ को सबक सिखाया।
Read Full Story