Jungle Story: नहले पे दहला

Jun 16, 2025, 11:34 AM

नहले पे दहला

भोला भालू ने जंगल में एक मिठाई की दुकान खोल रखी थी। उनकी मिठाइयाँ स्वादिष्ट थीं और बहुत बिकती थीं।

नहले पे दहला

भोला भालू दिल से बहुत भोला था और हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता था, चाहे वह कोई भी जानवर हो।

नहले पे दहला

हरिया हिरण के घर मेहमान आने वाले थे, इसलिए उसने भोला भालू से मिठाई की टोकरी तैयार करने को कहा।

नहले पे दहला

हरिया ने मिठाई की टोकरी के लिए 80 रुपये में से केवल 50 रुपये दिए और बाकी रुपये बाद में देने का वादा किया।

नहले पे दहला

लीचड़ लोमड़, जो दूसरों को मूर्ख बनाने में माहिर था, ने भोला भालू को धोखा देने की कोशिश की और बाकी के 30 रुपये देकर मिठाई की टोकरी ले ली।

नहले पे दहला

भोला भालू ने चालाकी से लीचड़ लोमड़ को धोखा दिया। उसने मिठाई की टोकरी में ऊपर से मिठाई और नीचे पत्थर व घास फूँस रख दी।

नहले पे दहला

लीचड़ लोमड़ ने जब मिठाई की टोकरी खोली, तो उसे केवल कुछ मिठाई और नीचे पत्थर व घास फूँस मिला।

नहले पे दहला

अंत में, लीचड़ लोमड़ को एहसास हुआ कि भोला भालू ने उसे भी चतुराई से मूर्ख बना दिया था।

नहले पे दहला

कहानी का संदेश यह है कि भोला भालू भले ही सीधा-सादा था, लेकिन मूर्ख नहीं था और उसने अपनी बुद्धिमानी से लीचड़ लोमड़ को सबक सिखाया।