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एक घने जंगल में सभी जानवर मिलजुल कर रहते थे, लेकिन जंगल का राजा शेर रुद्र बेहद स्वार्थी और घमंडी था। वह अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर जानवरों का शिकार छीन लेता था।
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जानवर रुद्र के इस व्यवहार से परेशान हो गए और उन्होंने मिलकर एक बैठक बुलाई। उन्होंने तय किया कि वे रुद्र से बात करेंगे और अपने अधिकार की मांग करेंगे।
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जब जानवरों ने रुद्र से बात की, तो उसने उनकी बात को अनसुना कर दिया और अपने राजा होने का घमंड दिखाया।
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एक दिन जंगल में तूफान आया और सभी जानवर मिलकर एक-दूसरे की मदद करने लगे, लेकिन रुद्र अकेला रह गया।
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शिकार के दौरान रुद्र के पैर में कांटा फंस गया और उसने मदद के लिए पुकारा, लेकिन कोई भी जानवर उसकी मदद के लिए नहीं आया।
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गिलहरी ने भालू को रुद्र की स्थिति बताई, जिसके बाद भालू, बंदर और खरगोश ने मिलकर रुद्र की मदद की और कांटा निकाला।
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इस घटना से रुद्र को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने जानवरों के साथ मिलकर रहना और उनकी भलाई के लिए काम करना शुरू किया।
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कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चा राजा वही होता है जो अपनी ताकत का इस्तेमाल सबकी भलाई के लिए करे,
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न कि स्वार्थ के लिए। प्रेम और सहयोग में ही असली ताकत होती है।
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