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कहानी "छुटकी गिलहरी" एक छोटी गिलहरी की है, जिसे उसकी मां प्यार से 'छुटकी' कहती है। छुटकी अपनी मां के साथ कोटर में रहती है और दिनभर उछल-कूद करती है।
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छुटकी की मां उसे हमेशा कोटर के अंदर रहने की सलाह देती है, क्योंकि बाहर की दुनिया में उसके लिए खतरे हो सकते हैं। मां उसे समझाती है कि वह अभी छोटी है और बाहर जाना उसके लिए सुरक्षित नहीं है।
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छुटकी मां की बात मानने का वादा करती है, लेकिन मन ही मन वह बाहर की दुनिया देखने के लिए उत्सुक होती है। जब मां घर पर नहीं होती, तो कोटर में अकेलापन उसे परेशान करता है।
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एक दिन जब उसकी मां भोजन की तलाश में बाहर गई होती है, छुटकी कोटर से बाहर निकल जाती है। बाहर की सुंदर दुनिया देखकर वह चकित हो जाती है और हरे-भरे बगीचे में घूमने लगती है।
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छुटकी को लगता है कि अब वह बड़ी हो गई है और अपनी सुरक्षा खुद कर सकती है। उसे लगता है कि मां उसे बेवजह डराती है।
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बाहर घूमते हुए छुटकी की मुलाकात एक छोटी चुहिया से होती है, जो उसे मूंगफली देती है। छुटकी मूंगफली खाकर और अधिक मस्ती में आ जाती है।
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तभी छुटकी को एक कुत्ता दिखाई देता है, जो उसे घूर रहा होता है। छुटकी डर जाती है और उसे अपनी मां की याद आती है।
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छुटकी की मां उसे खोजते हुए वहां पहुंचती है और कुत्ते का ध्यान हटाने के लिए उछल-कूद करने लगती है। मां की मदद से छुटकी पास के पेड़ पर चढ़ जाती है।
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पेड़ की ऊंची डाल पर पहुंचकर, मां-बेटी सुरक्षित महसूस करती हैं। छुटकी अपनी मां से वादा करती है कि आगे से वह हमेशा उसकी बात मानेगी और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखेगी।
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