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एक समय की बात है, एक हरे-भरे जंगल में चार मित्र रहते थे: चूहा, कौआ, हिरण, और कछुआ। विभिन्न जातियों के होने के बावजूद, उनकी मित्रता बहुत गहरी थी।
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चारों मित्र हर दिन मिलकर खेलते और एक-दूसरे के साथ समय बिताते थे। कछुआ तालाब के पास रहता था, कौआ पेड़ पर, चूहा ज़मीन के बिल में, और हिरण झाड़ियों में।
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एक दिन, जब हिरण देर शाम तक नहीं लौटा, तो उसके बाकी मित्र चिंतित हो गए और उसे ढूंढने की योजना बनाने लगे। कौआ ने सुबह हिरण को ढूंढने का फैसला किया।
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कौआ ने उड़ान भरकर हिरण को ढूंढा और पाया कि वह एक शिकारी के जाल में फंसा हुआ है। हिरण ने मदद की गुहार लगाई, और कौआ ने उसे बचाने का वादा किया।
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कौआ चूहे को अपनी पीठ पर बैठाकर जाल के पास ले गया। चूहे ने अपने पैने दांतों से जाल को काटकर हिरण को मुक्त कर दिया। हिरण ने अपने दोस्तों को धन्यवाद दिया।
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अचानक शिकारी आ गया और उसने कछुए को पकड़ लिया। शिकारी ने उसे अपने थैले में डाल लिया और चल पड़ा।
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दोस्तों ने एक योजना बनाई: हिरण ने लंगड़ाने का नाटक किया जिससे शिकारी उसका पीछा करने लगा। चूहे ने इस समय का फायदा उठाकर थैले को काट दिया और कछुए को आजाद कर दिया।
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शिकारी, हिरण को पकड़ने में नाकाम रहा और जब वापस लौटा तो उसका थैला खाली पाया।
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वह निराश होकर चला गया और चारों मित्र खुशी से वापस अपने घर लौट आए।
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