बच्चों की नैतिक कहानी: पकौड़ीमल और घासीराम

Apr 16, 2025, 11:52 AM

Kids Hindi Moral Story Pakodimal and Ghasiram

एक महर्षि का आश्रम कृष्णा नदी के किनारे था, जहां कई शिष्य विद्याध्ययन करते थे। एक दिन उन्होंने अपने शिष्य को गांव से जरूरत की चीजें लाने को कहा।

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शिष्य खाली हाथ लौटा और बताया कि गांव की पकौड़ीमल और घासीराम की दुकानों में आग लग गई थी, जिससे सब सामान जलकर राख हो गया।

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पकौड़ीमल धूर्त और बेईमान था, जबकि घासीराम ईमानदार और मेहनती था। अगली सुबह महर्षि शिष्यों के साथ गांव पहुंचे।

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उन्होंने देखा कि पकौड़ीमल अपने नुकसान का बहाना बनाकर लोगों के कर्ज नहीं चुका रहा था, जबकि घासीराम ने अपनी पत्नी के गहने गिरवी रखकर लोगों के कर्ज अदा किए।

Kids Hindi Moral Story Pakodimal and Ghasiram

महर्षि ने पकौड़ीमल को सुधारने की सलाह दी और घासीराम को धीरज रखने की सीख दी, यह कहते हुए कि अच्छाई का फल कभी व्यर्थ नहीं जाता।

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महर्षि ने शिष्यों को समझाया कि अच्छाई और बुराई की परख मुश्किल समय में होती है।

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पकौड़ीमल अपनी बुरी नीयत के कारण असफल रहा, जबकि घासीराम अपनी ईमानदारी में सफल रहा।

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कहानी का नैतिक संदेश यह है कि कठिन परिस्थितियों में व्यक्ति की सच्ची अच्छाई और बुराई सामने आती है।

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महर्षि के विचारों से शिष्य संतुष्ट हुआ, यह समझते हुए कि भले और बुरे की असली पहचान कठिन समय में होती है।