बाल कहानी: नाविक और जलपरी

Jun 18, 2025, 01:37 PM

नाविक और जलपरी

गाँव में एक नेक और गरीब नाविक और एक धनवान पर लालची मछुआरे की दोस्ती थी। एक दिन नाविक की नाव गायब हो गई, जिससे वह बहुत दुखी हुआ।

नाविक और जलपरी

नाविक के रोने पर एक जलपरी ने नदी से बाहर आकर उसकी समस्या पूछी। जलपरी ने उसे तीन नावें दिखाईं - चांदी की, सोने की, और लकड़ी की।

नाविक और जलपरी

नाविक ने ईमानदारी से कहा कि उसकी नाव लकड़ी की है। जलपरी उसकी ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे तीनों नावें दे दीं।

नाविक और जलपरी

नाविक ने अपनी कहानी मछुआरे को सुनाई, जिससे मछुआरे के मन में लालच आ गया।

नाविक और जलपरी

मछुआरे ने झूठ बोलकर जलपरी को बुलाया और कहा कि उसका जाल खो गया है। जलपरी ने उसे चांदी और सोने के जाल दिखाए, लेकिन मछुआरे ने हीरे का जाल मांगा।

नाविक और जलपरी

जलपरी ने कहा कि नदी में कोई हीरे का जाल नहीं है और गायब हो गई। मछुआरे को न तो चांदी का जाल मिला, न सोने का, और उसका अपना जाल भी खो गया।

नाविक और जलपरी

इस कहानी से यह सीख मिलती है कि झूठ और लालच के कारण व्यक्ति को नुकसान उठाना पड़ता है।

नाविक और जलपरी

कहानी में ईमानदारी और सच्चाई की महत्ता को दर्शाया गया है,

नाविक और जलपरी

जो जीवन में सफलता और संतोष का मार्ग प्रशस्त करती है।