Read Full Story
गाँव में एक नेक और गरीब नाविक और एक धनवान पर लालची मछुआरे की दोस्ती थी। एक दिन नाविक की नाव गायब हो गई, जिससे वह बहुत दुखी हुआ।
Read Full Story
नाविक के रोने पर एक जलपरी ने नदी से बाहर आकर उसकी समस्या पूछी। जलपरी ने उसे तीन नावें दिखाईं - चांदी की, सोने की, और लकड़ी की।
Read Full Story
नाविक ने ईमानदारी से कहा कि उसकी नाव लकड़ी की है। जलपरी उसकी ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे तीनों नावें दे दीं।
Read Full Story
नाविक ने अपनी कहानी मछुआरे को सुनाई, जिससे मछुआरे के मन में लालच आ गया।
Read Full Story
मछुआरे ने झूठ बोलकर जलपरी को बुलाया और कहा कि उसका जाल खो गया है। जलपरी ने उसे चांदी और सोने के जाल दिखाए, लेकिन मछुआरे ने हीरे का जाल मांगा।
Read Full Story
जलपरी ने कहा कि नदी में कोई हीरे का जाल नहीं है और गायब हो गई। मछुआरे को न तो चांदी का जाल मिला, न सोने का, और उसका अपना जाल भी खो गया।
Read Full Story
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि झूठ और लालच के कारण व्यक्ति को नुकसान उठाना पड़ता है।
Read Full Story
कहानी में ईमानदारी और सच्चाई की महत्ता को दर्शाया गया है,
Read Full Story
जो जीवन में सफलता और संतोष का मार्ग प्रशस्त करती है।
Read Full Story