Moral Story: जैसी संगति वैसी मति

May 05, 2025, 12:40 PM

Moral Story As is the Company So is the Opinion

एक राजा अकेले जंगल से गुजरते हुए डाकू भीलों की बस्ती के पास पहुंचता है, जहां पिंजरे में बंद एक तोता चिल्लाता है, "पकड़ो! मार डालो इसे!"।

Moral Story As is the Company So is the Opinion

राजा समझ जाता है कि वह डाकुओं के क्षेत्र में है और तेजी से अपने घोड़े को दौड़ा देता है, जिससे वह डाकुओं से बच निकलता है।

Moral Story As is the Company So is the Opinion

भागते हुए राजा एक अन्य कुटिया के पास पहुंचता है, जहां एक पिंजरे में दूसरा तोता बड़े ही मीठे स्वर में उसका स्वागत करता है।

Moral Story As is the Company So is the Opinion

साधु और उनके शिष्य राजा का स्वागत करते हैं। राजा साधु से पूछता है कि एक ही जाति के तोतों के स्वभाव में इतना अंतर क्यों है।

Moral Story As is the Company So is the Opinion

तोता जवाब देता है कि वह और दूसरा तोता एक ही माता-पिता की संतान हैं, लेकिन उसे डाकू ले गए और दूसरे को मुनि ने पाला।

Moral Story As is the Company So is the Opinion

पहला तोता डाकुओं की संगति में हिंसक बातें सुनता है,

Moral Story As is the Company So is the Opinion

जबकि दूसरा साधु के सान्निध्य में मधुर वचन सुनता है।

Moral Story As is the Company So is the Opinion

साधु समझाते हैं कि "जैसी संगति वैसी मति" यानी संगति का प्रभाव व्यक्ति के स्वभाव पर पड़ता है।

Moral Story As is the Company So is the Opinion

कहानी से यह सीख मिलती है कि हमारे संगति का हमारे विचारों और व्यवहार पर गहरा असर होता है।