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एक अमीर आदमी का बेटा बुरी संगत में पड़ गया था जिससे उसकी आदतें खराब हो गई थीं, और पिता इस स्थिति से बहुत चिंतित थे।
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पिता ने अपने बेटे को बुरी आदतों से निकालने की कई कोशिशें कीं, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली।
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एक दिन पिता ने अपने बेटे को सबक सिखाने के लिए एक तरकीब सोची और बाजार से कुछ ताजे सेब और एक सड़ा हुआ सेब खरीदा।
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उन्होंने बेटे को सभी ताजे सेब उस सड़े हुए सेब के साथ अलमारी में रखने के लिए कहा।
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कुछ दिनों बाद, जब बेटे ने अलमारी खोली, तो उसने देखा कि सभी सेब सड़ चुके थे, जिससे वह हैरान और दुखी हो गया।
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पिता ने इस उदाहरण के माध्यम से बेटे को समझाया कि जैसे एक सड़ा हुआ सेब बाकी सभी को खराब कर देता है,
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वैसे ही बुरी संगत भी व्यक्ति को खराब कर सकती है।
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बेटे पर पिता की बात का गहरा प्रभाव पड़ा और उसने बुरी संगत छोड़कर अच्छी बातें करना शुरू कर दिया।
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इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि बुरी संगत में पड़ने से अच्छा अकेला रहना है।
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