Moral Story: डाकू अंगुलिमाल और महात्मा बुद्ध

May 13, 2025, 12:47 PM

Moral Story Dacoit Angulimala and Mahatma Buddha

मगध राज्य के सोनापुर गाँव में डाकू अंगुलिमाल के आतंक से लोग डरे हुए थे, जो लूटपाट करता और लोगों की उंगलियों की माला बनाता था।

Moral Story Dacoit Angulimala and Mahatma Buddha

गौतम बुद्ध गाँव में आए और गाँव वालों से अंगुलिमाल के आतंक की कहानी सुनी। उन्होंने लोगों की चिंता को समझते हुए जंगल की ओर कदम बढ़ाया।

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अंगुलिमाल ने बुद्ध को रोकने की कोशिश की, लेकिन उनके दिव्य प्रभाव के कारण वह उन्हें पकड़ नहीं सका।

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बुद्ध ने अंगुलिमाल को समझाया कि यदि वह पेड़ से तोड़ी गई पत्तियों को वापस नहीं जोड़ सकता, तो वह सबसे शक्तिशाली कैसे हो सकता है।

Moral Story Dacoit Angulimala and Mahatma Buddha

बुद्ध ने उसे यह भी बताया कि यदि वह किसी चीज़ को जोड़ नहीं सकता, तो उसे तोड़ने का भी अधिकार नहीं है, और जीवन देने में सक्षम नहीं है तो मृत्यु देने का भी अधिकार नहीं है।

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बुद्ध की बातों से प्रभावित होकर अंगुलिमाल को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह बुद्ध का शिष्य बन गया।

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अंगुलिमाल ने अपने बुरे कर्मों को छोड़कर गाँव में रहकर लोगों की सेवा करने का संकल्प लिया।

Moral Story Dacoit Angulimala and Mahatma Buddha

आगे चलकर अंगुलिमाल अहिंसका के नाम से प्रसिद्ध एक महान सन्यासी बना।

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इस कहानी से यह सीख मिलती है कि कोई भी व्यक्ति कितना भी बुरा क्यों न हो, वह बदल सकता है, और हमें अपनी बुराइयों को पहचानकर उन्हें खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए।