Moral Story: भ्रम में मत पड़ो

May 27, 2025, 01:37 PM

भ्रम में मत पड़ो

राजा भोज एक रात गहरी नींद में थे जब उन्होंने स्वप्न में एक दिव्य पुरुष के दर्शन किए, जिनके चारों ओर उजली आभा थी।

भ्रम में मत पड़ो

दिव्य पुरुष ने बताया कि वे सत्य हैं और राजा को उनकी तथाकथित उपलब्धियों का वास्तविक रूप दिखाने आए हैं।

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राजा भोज ने अपने राज्य में कई मंदिर, धर्मशालाएं और अन्य निर्माण कार्य किए थे, जिन पर उन्हें गर्व था।

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दिव्य पुरुष ने राजा भोज के शानदार बगीचे के पेड़ों और स्वर्ण जड़ित मंदिर को छूकर ठूंठ और खंडहर में बदल दिया।

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उन्होंने राजा को समझाया कि भौतिक वस्तुओं के आधार पर महानता नहीं आंकी जाती।

भ्रम में मत पड़ो

एक गरीब व्यक्ति द्वारा पिलाए गए जल का पुण्य किसी धनी व्यक्ति की करोड़ों स्वर्ण मुद्राओं से अधिक हो सकता है।

भ्रम में मत पड़ो

इस अनुभव के बाद राजा भोज ने अपने कार्यों को यश की लालसा से मुक्त होकर करना शुरू कर दिया।

भ्रम में मत पड़ो

कहानी का मुख्य संदेश यह है कि भ्रम में न पड़ें और सच्ची महानता भौतिक संपत्ति में नहीं,

भ्रम में मत पड़ो

बल्कि निस्वार्थ सेवा में होती है।