Read Full Story
राजा भोज एक रात गहरी नींद में थे जब उन्होंने स्वप्न में एक दिव्य पुरुष के दर्शन किए, जिनके चारों ओर उजली आभा थी।
Read Full Story
दिव्य पुरुष ने बताया कि वे सत्य हैं और राजा को उनकी तथाकथित उपलब्धियों का वास्तविक रूप दिखाने आए हैं।
Read Full Story
राजा भोज ने अपने राज्य में कई मंदिर, धर्मशालाएं और अन्य निर्माण कार्य किए थे, जिन पर उन्हें गर्व था।
Read Full Story
दिव्य पुरुष ने राजा भोज के शानदार बगीचे के पेड़ों और स्वर्ण जड़ित मंदिर को छूकर ठूंठ और खंडहर में बदल दिया।
Read Full Story
उन्होंने राजा को समझाया कि भौतिक वस्तुओं के आधार पर महानता नहीं आंकी जाती।
Read Full Story
एक गरीब व्यक्ति द्वारा पिलाए गए जल का पुण्य किसी धनी व्यक्ति की करोड़ों स्वर्ण मुद्राओं से अधिक हो सकता है।
Read Full Story
इस अनुभव के बाद राजा भोज ने अपने कार्यों को यश की लालसा से मुक्त होकर करना शुरू कर दिया।
Read Full Story
कहानी का मुख्य संदेश यह है कि भ्रम में न पड़ें और सच्ची महानता भौतिक संपत्ति में नहीं,
Read Full Story
बल्कि निस्वार्थ सेवा में होती है।
Read Full Story