Moral Story: विद्वेष की भावना

Apr 08, 2025, 01:46 PM

Moral Story Feeling of Hatred

बनारस नगरी में शीतल नामक एक ज्ञानी व्यक्ति रहते थे, जिन्हें उनकी शांत प्रकृति और दयालुता के लिए जाना जाता था। लोग उन्हें त्याग और तपस्या का साक्षात देवता मानते थे।

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कुछ लोग उनसे जलन रखते थे और उन्हें नीचा दिखाने के लिए उनके घर के आगे कूड़ा फेंक देते थे, लेकिन ज्ञानी जी शांतिपूर्वक इसे साफ कर देते थे।

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ज्ञानी जी के मित्र ने पंचायत में चर्चा की कि इन शरारती लोगों को दंड मिलना चाहिए, लेकिन ज्ञानी जी ने दंड की आवश्यकता से इनकार किया।

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पंचायत के मुखिया ने जब उनसे पूछा कि वे कब तक इसे सहन करेंगे, ज्ञानी जी ने जवाब दिया कि वे तब तक ऐसा करेंगे जब तक उनका दिल बदल नहीं जाता।

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ज्ञानी जी की सहनशीलता और दयालुता के कारण अंततः उन दुष्ट लोगों को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने कूड़ा फेंकना बंद कर दिया।

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समय के साथ, वे लोग ज्ञानी जी के सच्चे शिष्य बन गए, और उनके प्रति ईर्ष्या और विद्वेष की भावना समाप्त हो गई।

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यह कहानी धैर्य और सहनशीलता की शक्ति को दर्शाती है, यह दिखाते हुए कि कैसे प्रेम और सहनशीलता से विरोधियों का दिल जीता जा सकता है।

Moral Story Feeling of Hatred

कहानी को बच्चों और बड़ों के लिए एक नैतिक शिक्षा के रूप में प्रस्तुत किया गया है,

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जो सिखाती है कि दया और धैर्य से बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान संभव है।