Moral Story: संगति का फल

Jun 04, 2025, 01:06 PM

संगति का फल

सुंदर वन में मौसम अनिश्चित था, जिससे जानवर और पक्षी चिंतित थे। इसी वन में एक मादा तोते ने दो अंडे दिए, जिनसे दो बच्चे निकले।

संगति का फल

एक आंधी के कारण दोनों तोते के बच्चे अलग हो गए। एक बच्चा आश्रम में पहुंच गया और दूसरा चोरों के बीच।

संगति का फल

कुछ समय बाद, राजा शिकार करते हुए चोरों के खंडहर में पहुंचा, जहां चोरों के साथ रहने वाला तोता राहगीरों को लूटने के लिए उकसाने लगा।

संगति का फल

राजा ने चोरों के पास रहने वाले तोते की धृष्टता देखी और वहां से आगे बढ़ गया, जहां वह आश्रम में रहने वाले दूसरे तोते से मिला।

संगति का फल

आश्रम के तोते ने राजा का मधुर वाणी में स्वागत किया, जिससे राजा प्रभावित हुआ और दोनों तोतों के व्यवहार में अंतर को समझा।

संगति का फल

आश्रम के तोते ने बताया कि दोनों सगे भाई हैं, लेकिन अलग-अलग संगति के कारण उनके व्यवहार में फर्क आ गया।

संगति का फल

कहानी का नैतिक यह है कि संगति का असर गहरा होता है;

संगति का फल

अच्छी संगति अच्छे संस्कार देती है, जबकि बुरी संगति बुरा प्रभाव डालती है।

संगति का फल

यह कहानी बच्चों को संगति के महत्व और उसके प्रभाव को सरल तरीके से समझाने का प्रयास करती है।