Read Full Story
बहुत समय पहले बगदाद में अबू नामक एक चरवाहा रहता था, जिसके पास कई भेड़-बकरियां थीं। वह उन्हें पहाड़ियों पर चराने ले जाता था।
Read Full Story
अबू एक अच्छा इंसान था, लेकिन वह बहुत आलसी था, जिससे उसकी भेड़-बकरियों का नुकसान होता था।
Read Full Story
सर्दियों में आलस्य के कारण अबू महीनों घर में सोया रहता था और उसके जानवर कमजोर हो जाते थे।
Read Full Story
एक दिन पहाड़ी पर भेड़-बकरियों के साथ, अबू ने एक भेड़िये को देखा। वह सतर्क हो गया और भेड़िये से निपटने की योजना बनाई।
Read Full Story
भेड़िया जानवरों के झुंड के पास बैठा रहा, लेकिन हमला नहीं किया। इससे अबू का डर कम हो गया और धीरे-धीरे उसने भेड़िये पर भरोसा करना शुरू कर दिया।
Read Full Story
कुछ समय बाद, अबू ने भेड़िये पर पूरी तरह से भरोसा कर लिया और उसे पहरेदारी के लिए छोड़कर घर पर आराम करने लगा।
Read Full Story
एक दिन जब अबू पहाड़ी पर वापस गया, उसने पाया कि कई भेड़-बकरियां मरी हुई थीं और भेड़िया गायब था।
Read Full Story
अबू को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने आलस्य छोड़कर दूसरे व्यवसाय में ध्यान लगाना शुरू किया।
Read Full Story
इस कहानी का नैतिक यह है कि आलस्य से हमेशा नुकसान होता है और सतर्कता जरूरी है।
Read Full Story