Moral Story: जीवन की भागम-भाग

Jun 18, 2025, 12:56 PM

जीवन की भागम-भाग

कहानी में एक गुरूजी अपने गुरूकुल में बच्चों को शिक्षा देते थे, जहां सभी घरों के बच्चे पढ़ते थे। शिष्यों की शिक्षा पूर्ण होने पर वे घर लौटने की तैयारी कर रहे थे।

जीवन की भागम-भाग

गुरूजी ने शिष्यों से कहा कि जाने से पहले उन्हें एक बाधा दौड़ में हिस्सा लेना होगा, जिसमें कूदना, पानी में दौड़ना और एक अंधेरी सुरंग से गुजरना शामिल था।

जीवन की भागम-भाग

दौड़ शुरू होते ही सभी बच्चे तेजी से भागे और विभिन्न बाधाओं को पार करते हुए सुरंग तक पहुंचे, जहां अंधेरा और नुकीले पत्थर थे, जिससे चलना भी मुश्किल हो रहा था।

जीवन की भागम-भाग

सुरंग में सभी छात्रों का व्यवहार अलग-अलग था; कुछ ने दूसरों को धक्का देकर आगे बढ़ने की कोशिश की, जबकि कुछ ने सावधानी से आगे बढ़ने का प्रयास किया।

जीवन की भागम-भाग

कुछ छात्रों ने रास्ते में पड़े पत्थरों को उठाकर अपनी जेब में रखा ताकि बाद में आने वाले लोगों को चोट न लगे, जिससे वे दौड़ में देरी से पहुंचे।

जीवन की भागम-भाग

गुरूजी ने पत्थर उठाने वाले छात्रों से पत्थर दिखाने को कहा और पता चला कि वे पत्थर असल में बहुमूल्य हीरे थे।

जीवन की भागम-भाग

गुरूजी ने बताया कि ये हीरे उनकी ओर से उन शिष्यों के लिए उपहार थे, जिन्होंने दूसरों के विषय में सोचा।

जीवन की भागम-भाग

कहानी का संदेश है कि जीवन की भागम-भाग में वही व्यक्ति सबसे समृद्ध होता है,

जीवन की भागम-भाग

जो दूसरों के भले के बारे में सोचता है और उनके लिए कुछ करता है।