Moral Story: सम्मान के चक्कर में

Jun 11, 2025, 12:33 PM

सम्मान के चक्कर में

एक गधा जिसका नाम झब्बू था, रोज़ सुबह गंदे कपड़ों का ढेर ढोकर नदी के घाट पर जाता और दिन भर घास चरता था।

सम्मान के चक्कर में

झब्बू अपने चेहरे को देखकर भगवान को कोसता और सोचता कि अगर वह शेर जैसा होता तो कोई उसे गधा नहीं कहता और उसका सम्मान होता।

सम्मान के चक्कर में

एक दिन उसने शेर की खाल पहनकर खुद को शेर के रूप में प्रस्तुत किया और धोबी को डरा दिया, जिससे उसे यकीन हो गया कि वह असली शेर नजर आता है।

सम्मान के चक्कर में

उसने अपने गधे दोस्तों को भी अपनी नई पहचान के बारे में बताया और उनका अपमान किया, जिससे वे उसे छोड़कर चले गए।

सम्मान के चक्कर में

शेरों के बीच जाकर उसने खुद को शेर समझा, लेकिन जब उसने गधे की आवाज में बोलना शुरू किया, तो असली शेरों ने उसे पहचान लिया और उस पर हमला कर दिया।

सम्मान के चक्कर में

भागते-भागते वह वापस अपने गधे दोस्तों के पास पहुंचा, लेकिन उन्होंने उसका सम्मान करने की बजाय उसकी शेर की खाल को चिथड़े-चिथड़े कर दिया।

सम्मान के चक्कर में

झब्बू को धोबी के पास ले जाया गया और उसे डंडे खाने पड़े,

सम्मान के चक्कर में

जिससे उसे समझ आया कि झूठे सम्मान के लिए अपने दोस्तों का अपमान करना सही नहीं था।

सम्मान के चक्कर में

इस कहानी का नैतिक यह है कि झूठे सम्मान के चक्कर में पड़कर अपने दोस्तों का अपमान करने वालों को अंततः नुकसान ही होता है।