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प्रिया के विशाल बंगले में रंग-बिरंगे गुलाब के पौधे थे जिन्हें वह स्कूल जाते समय तोड़कर अपनी मैडम और सहेलियों को भेंट करती थी।
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नए साल के दिन, प्रिया ने एक लाल गुलाब से कांटा चुभने पर गुस्सा किया, लेकिन गुलाब ने उसे बताया कि प्रकृति का संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
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गुलाब ने प्रिया को यह एहसास दिलाया कि फूलों को पेड़ों पर खिलने देना चाहिए ताकि उनकी खुशबू और सुंदरता का सभी लोग आनंद ले सकें।
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प्रिया ने गुलाब के पौधे की बातों से प्रभावित होकर वादा किया कि वह अब कभी फूल नहीं तोड़ेगी और प्रकृति की सुंदरता का सम्मान करेगी।
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गुलाब ने प्रिया को बताया कि फूल इंसानों के हाथों में मुरझा जाते हैं, लेकिन पेड़ों पर खिलते रहने से वे ताजगी और शोभा बढ़ाते हैं।
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इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें प्रकृति का सम्मान करना चाहिए और उसे उसके प्राकृतिक रूप में बनाए रखना चाहिए।
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प्रकृति की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है और यही सच्ची खुशहाली और संतुलन की कुंजी है।
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प्रिया ने समझा कि फूलों की मुस्कान ही राष्ट्र की मुस्कान है
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और उसने प्रकृति की गोद में खिलते फूलों को न तोड़ने का संकल्प लिया।
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