Moral Story: सूझबूझ

Apr 30, 2025, 01:32 PM

Moral Story prudence

एक गांव में एक किसान अपनी सुंदर बेटी के साथ रहता था, जिसने गांव के जमींदार से काफी धन उधार लिया था।

Moral Story prudence

जमींदार, जो उम्रदराज था, किसान की बेटी से शादी करना चाहता था और इसके बदले किसान का कर्ज माफ करने का प्रस्ताव रखा।

Moral Story prudence

किसान और उसकी बेटी इस प्रस्ताव से हैरान थे और उन्होंने पंचायत से मदद मांगी, जिसने किस्मत के आधार पर फैसला करने का सुझाव दिया।

Moral Story prudence

पंचायत ने दो पत्थरों का खेल सुझाया: एक काला और एक सफेद। सफेद पत्थर उठाने पर कर्ज माफ हो जाएगा और शादी नहीं करनी पड़ेगी; काला पत्थर उठाने पर शादी करनी होगी।

Moral Story prudence

जमींदार ने धोखे से दोनों काले पत्थर थैले में डाल दिए, लेकिन लड़की ने सूझबूझ से काम लिया।

Moral Story prudence

लड़की ने पत्थर उठाने का नाटक किया और उसे हाथ से गिरा दिया, जिससे उसका रंग नहीं देखा जा सका।

Moral Story prudence

उसने सुझाया कि थैले में बचे पत्थर को देखकर समझा जाए कि उसने कौन सा पत्थर उठाया था।

Moral Story prudence

थैले में काला पत्थर बचा था, जिससे साबित हुआ कि लड़की ने सफेद पत्थर उठाया था, और इस तरह उसका कर्ज माफ हो गया और उसे शादी भी नहीं करनी पड़ी।

Moral Story prudence

इस कहानी से सीख मिलती है कि जब सब कुछ धुंधला लगे, तो सूझबूझ से मुश्किलों का हल निकाला जा सकता है।