Moral Story: अनजाने कर्म का फल

Jun 18, 2025, 01:03 PM

अनजाने कर्म का फल

एक राजा अपने महल में ब्राह्मणों को भोजन करा रहा था, जब एक चील एक जिंदा साँप को लेकर महल के ऊपर से गुजरी।

अनजाने कर्म का फल

चील के पंजों में दबे साँप ने आत्म-रक्षा में ज़हर निकाला, जो रसोइये द्वारा पकाए जा रहे भोजन में गिर गया, जिससे सब ब्राह्मणों की मृत्यु हो गई।

अनजाने कर्म का फल

राजा को ब्राह्मणों की मृत्यु से गहरा दुख हुआ, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि इस पाप का दोष किसके खाते में जाएगा - राजा, रसोइया, चील, या साँप।

अनजाने कर्म का फल

यमराज के लिए यह तय करना कठिन हो गया कि पाप का फल किसे भुगतना होगा।

अनजाने कर्म का फल

कुछ समय बाद एक महिला ने ब्राह्मणों को राजा के बारे में बुरा बोलते हुए महल का रास्ता बताया।

अनजाने कर्म का फल

यमराज ने फैसला किया कि पाप का फल उस महिला को भुगतना होगा क्योंकि उसने राजा के बारे में बुराई करते हुए आनंद लिया।

अनजाने कर्म का फल

कहानी का नैतिक यह है कि जब हम किसी की बुराई करते हैं, तो उनके पाप हमारे खाते में भी आ जाते हैं।

अनजाने कर्म का फल

यह कहानी हमें सिखाती है कि दूसरों की बुराई करने से बचना चाहिए,

अनजाने कर्म का फल

क्योंकि यह हमारे जीवन में अनचाहे कष्ट ला सकता है।