Moral Story: सोनिया का संकोच

Jun 10, 2025, 01:00 PM

सोनिया का संकोच

सोनिया एक संकोची लड़की थी जो बहुत कम बोलती थी और अपनी कक्षा में भी प्रश्न पूछने से बचती थी। इस कारण से उसे "संकोची लड़की" के नाम से जाना जाता था।

सोनिया का संकोच

सोनिया के माता-पिता उसके इस स्वभाव को लेकर चिंतित थे, लेकिन उसके पिता सोचते थे कि यह पैतृक गुण हो सकता है क्योंकि वे भी शुरू में संकोची थे।

सोनिया का संकोच

सोनिया पढ़ाई में बहुत होशियार थी, लेकिन उसकी सहेलियां पढ़ाई से ज्यादा शरारतों में व्यस्त रहती थीं। वे अध्यापकों की नकल उतारतीं और कक्षा में शरारतें करती थीं।

सोनिया का संकोच

एक दिन सोनिया की सहेलियों ने उसकी मां से उसकी बुराई की, लेकिन जब उसके पिता ने सोनिया की रिपोर्ट देखी तो उन्हें पता चला कि वह सभी विषयों में अच्छे अंक ला रही थी।

सोनिया का संकोच

सोनिया के पिता ने उसे समझाया कि वह पढ़ाई में तेज है और उसे अपनी सहेलियों की गलत बातों का प्रतिरोध करना चाहिए। उन्होंने उसे आत्मविश्वास से खुद को व्यक्त करने की सलाह दी।

सोनिया का संकोच

पिता की बातों ने सोनिया पर गहरा असर डाला और उसने अपने संकोच को खत्म करने का निर्णय लिया। उसने अपने पिता से वादा किया कि वह अब किसी के गलत कहने पर चुप नहीं रहेगी।

सोनिया का संकोच

सोनिया ने आत्मविश्वास के साथ कहा कि वह अपनी पढ़ाई में सहेलियों से बेहतर है और एक दिन कुछ बनकर दिखाएगी। उसकी मां ने उसे गर्व से गले लगा लिया।

सोनिया का संकोच

इस कहानी का नैतिक यह है कि आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प से हम अपनी कमजोरियों को मात दे सकते हैं

सोनिया का संकोच

और अपने जीवन में सफल हो सकते हैं।