Motivational Story: अरस्तू की हार

Jun 04, 2025, 11:45 AM

अरस्तू की हार

चाणक्य एक महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे जिन्होंने नंद वंश के अपमान के बाद उसकी समाप्ति की प्रतिज्ञा की थी और चंद्रगुप्त को मगध का सम्राट बना दिया।

अरस्तू की हार

एक बुढ़िया की सलाह से चाणक्य को एहसास हुआ कि राज्य की सीमाओं को सुरक्षित करना आवश्यक है। इस पर उन्होंने ध्यान दिया और तैयारी शुरू की।

अरस्तू की हार

सिकंदर भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा था, जिससे चाणक्य चिंतित थे। उन्होंने सिकंदर और उसके गुरु अरस्तू के संबंधों का अध्ययन किया।

अरस्तू की हार

चाणक्य ने समझा कि सिकंदर के सैनिक उसे देवता का बेटा मानते थे, जिससे उनका मनोबल ऊंचा था।

अरस्तू की हार

चाणक्य ने चंद्रगुप्त को सलाह दी कि सिकंदर के सैनिकों के सामने उसका अपमान किया जाए ताकि उनका विश्वास डगमगाए।

अरस्तू की हार

चंद्रगुप्त ने सिकंदर को द्वंद युद्ध के लिए चुनौती दी, जिससे सैनिक हैरान रह गए

अरस्तू की हार

और उनका विश्वास टूटने लगा।

अरस्तू की हार

इस घटना के बाद सिकंदर के सैनिकों का मनोबल गिर गया और वे लौटने की मांग करने लगे।

अरस्तू की हार

चाणक्य ने अपनी इस रणनीति की सफलता पर गर्व महसूस किया और अरस्तू की हार हुई।