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एक गरीब किसान अपने खेत में हल चला रहा था जब उसका हल किसी कठोर चीज से टकराया और उसने सोने की ओखली खोज निकाली।
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किसान की बेटी ने अपने पिता को राजा के पास जाने से पहले सोचने की सलाह दी, लेकिन उसने उसकी बात नहीं मानी और राजा के पास चला गया।
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राजा ने किसान से पूछा कि ओखली के साथ और क्या था और उसे धमकी दी कि यदि वह बाकी चीजें नहीं लाया तो उसकी जुबान कटवा देगा।
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किसान ने अपनी बेटी की सलाह नहीं मानने के लिए पछतावा किया। राजा ने किसान की बेटी को बुलाया, जो बेहद समझदार और चालाक साबित हुई।
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बेटी ने राजा की चुनौती का सामना किया और बिना कपड़े पहने और कपड़े पहनकर भी, न पैदल और न घोड़े पर सवार होकर राजा के पास पहुँची।
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उसकी चतुराई देखकर राजा ने ओखली किसान को लौटा दी और बेटी को अपने दरबार में सलाहकार के रूप में रख लिया।
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एक अन्य घटना में, दो गड़रियों के बीच एक शावक के स्वामित्व को लेकर झगड़ा हुआ। राजा ने बैल के पास पाए गए शावक को बैल का बताया।
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किसान की बेटी ने इस मामले में भी अपनी बुद्धिमत्ता से राजा को समझा दिया कि शावक बैल का नहीं हो सकता, जैसे मछली धरती पर नहीं रह सकती।
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राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने किसान की बेटी को घर वापस भेज दिया, जो खुद भी यही चाहती थी।
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