Motivational Story: भगवान की गोद

Jun 04, 2025, 11:51 AM

भगवान की गोद

कुछ महीने पहले, एक व्यक्ति ने शिकायत की कि उसके पास प्रार्थना के लिए समय नहीं है क्योंकि उसका अधिकांश समय काम और यात्रा में बीत जाता है।

भगवान की गोद

एक मित्र ने उसे सलाह दी कि वह कार में यात्रा करते समय भगवान से बात कर सकता है, जैसे कि भगवान उसके साथ वाली सीट पर बैठे हों।

भगवान की गोद

इस तरह की प्रार्थना से व्यक्ति अपने सुख-दुःख भगवान को बता सकता है और उनसे मार्गदर्शन की प्रार्थना कर सकता है।

भगवान की गोद

एक अन्य कहानी में, एक बीमार वृद्ध व्यक्ति अपनी बेटी के आग्रह पर पंडित से मिलने जाता है और उसके पास एक खाली कुर्सी रखता है।

भगवान की गोद

वृद्ध व्यक्ति ने पंडित को बताया कि वह कुर्सी भगवान के लिए रखता है और उनसे बातचीत करता है, जिससे उसे शांति और सहारा मिलता है।

भगवान की गोद

पंडित इस विचार से प्रेरित हुआ और बीमार व्यक्ति को इस प्रथा को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

भगवान की गोद

दो दिन बाद वृद्ध व्यक्ति की मृत्यु हो गई, और उसकी बेटी ने देखा कि उसका सिर उस कुर्सी पर टिका हुआ था।

भगवान की गोद

इस घटना से पंडित की आंखों में आंसू आ गए और उसने कहा कि काश, हर कोई भगवान की गोद में सिर टिका पाता।

भगवान की गोद

यह कहानी इस बात को रेखांकित करती है कि भगवान के साथ संवाद और प्रार्थना करने के लिए किसी विशेष समय या स्थान की आवश्यकता नहीं है।

भगवान की गोद

यह कहानी हमें प्रेरणा देती है कि हम किसी भी परिस्थिति में भगवान को अपने साथ महसूस कर सकते हैं और उनसे बात कर सकते हैं।