Motivational Story: रानी से नहीं भगवान से डरता हूँ

May 27, 2025, 12:11 PM

रानी से नहीं भगवान से डरता हूँ

रत्नपुर राज्य के राजा रामसिंह अपनी रानी रूपवती के प्रति अत्यधिक प्रेम रखते थे और राज्य के गंभीर मामलों में भी उनकी सलाह को प्रमुख मानते थे।

रानी से नहीं भगवान से डरता हूँ

एक दिन रानी का कीमती हार गुम हो गया, जिससे पूरे राज्य में खलबली मच गई और पुलिस बल चोर की तलाश में जुट गया।

रानी से नहीं भगवान से डरता हूँ

राज्य में घोषणा की गई कि हार लौटाने वाले को इनाम मिलेगा, लेकिन तीन दिनों के बाद पकड़े जाने पर अपराधी को मौत की सजा दी जाएगी।

रानी से नहीं भगवान से डरता हूँ

एक साधु ने अपनी यात्रा के दौरान सुनसान रास्ते पर हार पाया और उसे अपने कमण्डल में रख लिया।

रानी से नहीं भगवान से डरता हूँ

साधु ने चौथे दिन राजदरबार में हार लौटाया, जबकि वह इसे पहले दिन भी लौटा सकता था।

रानी से नहीं भगवान से डरता हूँ

साधु ने बताया कि वह इसे पहले दिन लौटाता तो लोग समझते कि उसने रानी के डर से ऐसा किया, लेकिन उसने भगवान के डर से चौथे दिन लौटाया।

रानी से नहीं भगवान से डरता हूँ

साधु के इस निर्भय उत्तर ने राजदरबार को चौंका दिया,

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और राजा-रानी उसके आदर सत्कार से पहले ही साधु अपने रास्ते चला गया।

रानी से नहीं भगवान से डरता हूँ

यह कहानी सिखाती है कि सच्चाई और ईमानदारी का महत्व भगवान के प्रति श्रद्धा में है, न कि किसी व्यक्ति के भय में।