Motivational Story: ख़ुशी की दस्तक

May 27, 2025, 12:20 PM

ख़ुशी की दस्तक

राहुल एक नेकदिल न्यूज़ पेपर डिलीवरी बॉय है, जो हर सुबह सात बजे अखबार डालने जाता है और फिर घर लौटकर कॉलेज की तैयारी करता है।

ख़ुशी की दस्तक

एक दिन, राहुल ने देखा कि कपूर अंकल के फ्लैट के मेल बॉक्स पर टेप लगा हुआ था, जिससे वह चिंतित हो गया और दरवाज़ा खटखटाया।

ख़ुशी की दस्तक

कपूर अंकल ने बताया कि उन्होंने जानबूझकर मेल बॉक्स ब्लॉक किया ताकि राहुल दरवाज़ा खटखटाए और उनसे मिल सके, क्योंकि वह अकेलेपन से जूझ रहे थे।

ख़ुशी की दस्तक

अंकल का बेटा विदेश में रहता है और उनकी पत्नी का निधन हो चुका है, जिससे वे अकेलापन महसूस करते हैं।

ख़ुशी की दस्तक

अंकल ने राहुल से अनुरोध किया कि वह रोज़ दरवाज़े पर दस्तक देकर उन्हें अखबार हाथ में दिया करे, इसके लिए वे अतिरिक्त पैसे देने को भी तैयार थे।

ख़ुशी की दस्तक

राहुल ने अंकल से कहा कि उन्हें पैसे नहीं चाहिए, और वह रोज़ उनसे मिलने आते रहेंगे।

ख़ुशी की दस्तक

इस घटना के बाद राहुल ने महसूस किया कि कई बुजुर्ग अकेलेपन में जी रहे हैं और उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक मुहिम शुरू की।

ख़ुशी की दस्तक

राहुल और उसके दोस्तों ने बुजुर्गों को व्हाट्सएप और एसएमएस का उपयोग सिखाने का निर्णय लिया ताकि वे अकेलेपन से बाहर आ सकें।

ख़ुशी की दस्तक

उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि बुजुर्गों के परिचितों को अलर्ट किया जाए कि अगर कोई गुड मॉर्निंग या गुड नाइट का संदेश न आए, तो तुरंत उनकी खैर-खबर लें।

ख़ुशी की दस्तक

इस कहानी से यह सीख मिलती है कि डिजिटल युग में हम थोड़ा समय देकर बुजुर्गों की मदद कर सकते हैं और उनका अकेलापन दूर कर सकते हैं।