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राहुल एक नेकदिल न्यूज़ पेपर डिलीवरी बॉय है, जो हर सुबह सात बजे अखबार डालने जाता है और फिर घर लौटकर कॉलेज की तैयारी करता है।
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एक दिन, राहुल ने देखा कि कपूर अंकल के फ्लैट के मेल बॉक्स पर टेप लगा हुआ था, जिससे वह चिंतित हो गया और दरवाज़ा खटखटाया।
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कपूर अंकल ने बताया कि उन्होंने जानबूझकर मेल बॉक्स ब्लॉक किया ताकि राहुल दरवाज़ा खटखटाए और उनसे मिल सके, क्योंकि वह अकेलेपन से जूझ रहे थे।
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अंकल का बेटा विदेश में रहता है और उनकी पत्नी का निधन हो चुका है, जिससे वे अकेलापन महसूस करते हैं।
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अंकल ने राहुल से अनुरोध किया कि वह रोज़ दरवाज़े पर दस्तक देकर उन्हें अखबार हाथ में दिया करे, इसके लिए वे अतिरिक्त पैसे देने को भी तैयार थे।
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राहुल ने अंकल से कहा कि उन्हें पैसे नहीं चाहिए, और वह रोज़ उनसे मिलने आते रहेंगे।
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इस घटना के बाद राहुल ने महसूस किया कि कई बुजुर्ग अकेलेपन में जी रहे हैं और उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक मुहिम शुरू की।
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राहुल और उसके दोस्तों ने बुजुर्गों को व्हाट्सएप और एसएमएस का उपयोग सिखाने का निर्णय लिया ताकि वे अकेलेपन से बाहर आ सकें।
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उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि बुजुर्गों के परिचितों को अलर्ट किया जाए कि अगर कोई गुड मॉर्निंग या गुड नाइट का संदेश न आए, तो तुरंत उनकी खैर-खबर लें।
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इस कहानी से यह सीख मिलती है कि डिजिटल युग में हम थोड़ा समय देकर बुजुर्गों की मदद कर सकते हैं और उनका अकेलापन दूर कर सकते हैं।
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