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यह कहानी भारत के तराई क्षेत्र में पड़े भीषण अकाल के दौरान की है, जब पक्षियों का राजा सभी पक्षियों को खाने की खोज में भेजता है ताकि सामूहिक रूप से भोजन का प्रबंध किया जा सके।
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राजा के भांजे जैक्विटा ने अनाज से भरी एक गाड़ी देखी और स्वार्थवश इसे अपनी ही संपत्ति मान लिया, बिना किसी और को बताने का निर्णय लिया।
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जैक्विटा ने राजा से झूठ बोलते हुए कहा कि रास्ते में खतरनाक जानवर हैं, जिससे सभी पक्षी डर गए और वहां जाने से कतराने लगे।
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जैक्विटा जब अकेले अनाज लेने गया, तो उसकी चालाकी उसे भारी पड़ी और वह एक गाड़ी के नीचे आने से बाल-बाल बचा।
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कहानी से यह सीख मिलती है कि स्वार्थी होना और दूसरों से जानकारी छुपाना खतरनाक हो सकता है और संकट को आमंत्रण दे सकता है।
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जैक्विटा की मतलबी सोच ने न केवल उसे संकट में डाला बल्कि उसकी जान को भी खतरे में डाल दिया।
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कहानी नैतिक शिक्षा देती है कि सच्चाई और साझेदारी की भावना को हमेशा महत्व देना चाहिए।
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यह कहानी बच्चों को नैतिकता, साझेदारी का महत्व,
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और संकट के समय में सही निर्णय लेने की प्रेरणा देती है।
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