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यह कहानी एक टिड्डे की है जो सर्दियों में भूखा था और खाने की तलाश में था।
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उसने देखा कि चीटियां चावल के दाने इकट्ठा कर रही थीं और उसने उनसे कुछ चावल मांगे।
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चींटी ने टिड्डे से पूछा कि उसने गर्मियों में भोजन क्यों नहीं इकट्ठा किया।
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टिड्डे ने बताया कि उसने गर्मियों में गाने गाते हुए समय बर्बाद कर दिया।
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चींटी ने टिड्डे को अपनी गलती का अहसास कराया और कहा कि अब वह सर्दियों में नाच सकता है।
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टिड्डे को अपनी गलती का एहसास हुआ कि उसने समय व्यर्थ गंवाया।
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कहानी का मुख्य संदेश है कि काम ही असली पूजा है
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और हमें भविष्य के लिए तैयारी करनी चाहिए।
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यह कहानी बच्चों को समय प्रबंधन और भविष्य की योजना बनाने के महत्व की सीख देती है।
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