Motivational Story: निर्दोष को दंड

Jun 17, 2025, 12:10 PM

निर्दोष को दंड

चित्रानगरी के राजा के पास अपार धन-दौलत थी, लेकिन उनके जीवन में एक कमी थी - एक पुत्र की।

निर्दोष को दंड

एक दिन एक फकीर राजा के दरवाजे पर आया और उसे देखकर राजा ने अपनी उदासी का कारण बताया।

निर्दोष को दंड

फकीर ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि नौ महीने बाद राजा का महल किलकारियों से गूंजेगा, और ठीक नौ महीने बाद रानी ने एक सुंदर पुत्र को जन्म दिया।

निर्दोष को दंड

राजकुमार को शिक्षा के लिए गुरू के आश्रम में भेजा गया, जहाँ उसने दस वर्षों में बुद्धिमत्ता हासिल की।

निर्दोष को दंड

गुरू ने राजकुमार को विदाई के समय बिना कारण प्रहार किया, जिससे राजकुमार के मन में नफरत भर गई।

निर्दोष को दंड

राजकुमार के राजा बनने के बाद उसने गुरू को महल में बुलाकर प्रहार का कारण पूछा।

निर्दोष को दंड

गुरू ने समझाया कि निर्दोष को दिया गया दंड हमेशा याद रहता है, और यह अंतिम शिक्षा थी कि कभी निर्दोष को दंड न दें।

निर्दोष को दंड

राजा ने गुरू की शिक्षा को समझा और प्रण किया कि वह कभी किसी निर्दोष को दंड नहीं देगा,

निर्दोष को दंड

और गुरू की महानता को स्वीकार किया।