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एक महिला, फटे-पुराने कपड़े पहने, पंसारी की दुकान में गई और बताया कि उसका पति बीमार है और वह काम करने में असमर्थ है। उसके 7 बच्चों के लिए उसे उधार सामान की जरूरत थी।
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पंसारी ने महिला का मजाक उड़ाया और उसे दुकान से बाहर जाने को कहा। महिला ने विनम्रता से अनुरोध किया कि वह जल्द ही पैसे चुका देगी।
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पंसारी ने महिला से कहा कि वह उसे उधार नहीं देगा क्योंकि उसका कोई खाता नहीं है। महिला रोने लगी और देखने वालों की भीड़ जुट गई।
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अंततः पंसारी ने महिला से उसकी जरूरत की वस्तुओं की सूची मांगी। महिला ने सूची को तराजू पर रखने को कहा और पंसारी ने कहा कि वह सूची के वजन के बराबर सामान दे देगा।
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महिला ने कागज का टुकड़ा तराजू पर रखा और आश्चर्यजनक रूप से वह पलड़ा भारी रहा, भले ही पंसारी ने कई सामान तराजू में रखे।
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पंसारी और दर्शकों ने इसे चमत्कार के रूप में देखा। कागज पर लिखा था, "प्रिय प्रभु, आप मेरी हर जरूरत के बारे में जानते हैं और मैं सब कुछ आप पर छोड़ती हूं।"
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यह कहानी प्रार्थना की शक्ति को दर्शाती है और यह संदेश देती है कि जब हम भगवान पर भरोसा रखते हैं, तो हमारी प्रार्थनाएं सुनी जाती हैं।
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लेख का मुख्य संदेश है कि दिल से की गई प्रार्थना का असर होता है और यह भगवान के साथ संवाद का एक सशक्त माध्यम है।
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यह कहानी प्रेरित करती है कि कठिन समय में भी भगवान पर भरोसा बनाए रखें और प्रार्थना की ताकत पर विश्वास करें।
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लेख में यह भी बताया गया है कि प्रार्थना की ताकत को हासिल करने के लिए कोई वित्तीय खर्च नहीं होता।
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