Motivational Story: मुझे कहाँ ढूंढे रे बन्दे?

Jun 09, 2025, 12:31 PM

मुझे कहाँ ढूंढे रे बन्दे?

यह कहानी एक मोची की है जो भगवान का सच्चा भक्त था और अपने काम के दौरान भगवान के दर्शन की इच्छा रखता था।

मुझे कहाँ ढूंढे रे बन्दे?

मोची को एक दिन एक दैवीय आवाज़ सुनाई दी जिसमें कहा गया कि वह अगले दिन सुबह गली में भगवान से मिलेगा।

मुझे कहाँ ढूंढे रे बन्दे?

अगले दिन मोची गली में गया और वहां एक महिला को देखा जो अपने बच्चे के साथ ठंड में कांप रही थी।

मुझे कहाँ ढूंढे रे बन्दे?

महिला ने बताया कि वह बेघर है, रातभर ठंड में कांपती रही और उसका बच्चा ठंड से मरने की स्थिति में है।

मुझे कहाँ ढूंढे रे बन्दे?

मोची ने महिला और उसके बच्चे को अपने घर ले जाकर कपड़े, कंबल और भोजन दिया।

मुझे कहाँ ढूंढे रे बन्दे?

महिला की मुस्कान देखकर मोची को एहसास हुआ कि गरीबों की सेवा ही भगवान की पूजा है।

मुझे कहाँ ढूंढे रे बन्दे?

मोची ने समझा कि भगवान के दर्शन इसी रूप में होते हैं,

मुझे कहाँ ढूंढे रे बन्दे?

जब हम जरूरतमंदों की मदद करते हैं।

मुझे कहाँ ढूंढे रे बन्दे

कहानी का मुख्य संदेश है कि सच्ची भक्ति और भगवान के दर्शन गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में निहित हैं।