Read Full Story
चीन के प्रसिद्ध दार्शनिक कन्फ्यूशियस की कीर्ति दूर-दूर तक फैली हुई थी, और लोग उनसे मिलने के लिए लंबी यात्राएँ करते थे।
Read Full Story
एक दिन एक राजा उनसे मिलने आए और पूछा कि क्या कोई ऐसा महान व्यक्ति हो सकता है जिसे कोई न जानता हो।
Read Full Story
कन्फ्यूशियस ने मुस्कुराते हुए कहा कि दुनिया में कई ऐसे असाधारण लोग हैं जो महान होते हैं, लेकिन जिन्हें कोई नहीं जानता।
Read Full Story
राजा को समझाने के लिए कन्फ्यूशियस उन्हें एक गांव ले गए जहां एक बूढ़ा व्यक्ति पेड़ के नीचे घड़े में पानी भरकर बैठा था।
Read Full Story
यात्रा से थके हुए राजा और कन्फ्यूशियस ने बूढ़े व्यक्ति से पानी मांगा। बूढ़े ने पैसे लेने से इंकार कर दिया और बताया कि वह सिर्फ लोगों की प्यास बुझाने की कोशिश कर रहा है।
Read Full Story
बूढ़े व्यक्ति ने कहा कि उसे इस सेवा से असीम शांति मिलती है,
Read Full Story
और वह अपने बेटे के चने के व्यवसाय में मदद करने के लिए यहां बैठता है।
Read Full Story
कन्फ्यूशियस ने राजा को बताया कि व्यक्ति की सोच उसे महान बनाती है, न कि केवल बड़ी-बड़ी बातें।
Read Full Story
कहानी का सार यह है कि महानता केवल पहचान में नहीं, बल्कि सेवा और सोच में भी होती है।
Read Full Story