नकल का फल: सच्ची मेहनत की जीत और आलस्य का अंजाम

Oct 07, 2025, 11:07 AM

नकल का फल

यह कहानी सुंदरवन जंगल के एक आलसी सियार छोटू और एक मेहनती कठफोड़वा टुकटुक की है, जो मेहनत और नकल के प्रभाव को दर्शाती है।

नकल का फल

टुकटुक कड़ी मेहनत और अभ्यास के बल पर पेड़ के तने से कीड़े निकालता है, जबकि छोटू उसकी नकल कर बिना मेहनत के सफलता पाना चाहता है।

नकल का फल

छोटू टुकटुक की तरह पेड़ काटकर भोजन ढूंढ़ने की कोशिश करता है, लेकिन उसकी चोंच न होने के कारण असफल रहता है।

नकल का फल

छोटू लंगूरों की नकल कर जल्दीबाजी में ऊँचा घर बनाता है, जो तूफान में ढह जाता है, जबकि टुकटुक का मज़बूत घर सुरक्षित रहता है।

नकल का फल

इस घटना से छोटू को समझ आता है कि बिना लगन और अभ्यास के सिर्फ नकल करने का परिणाम बुरा होता है।

नकल का फल

टुकटुक छोटू को अपने हुनर को पहचानने और उसे निखारने की सलाह देता है,

नकल का फल

जिससे छोटू अपने सियार वाले हुनर को विकसित करता है।

नकल का फल

कहानी का सार है कि नकल करने के बजाय अपने हुनर पर ध्यान देकर सच्ची मेहनत करने से ही सफलता मिलती है।

नकल का फल

यह कहानी सिखाती है कि हर किसी का काम करने का तरीका अलग होता है और सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता।