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एक शाम, गोपाल और पुनीत नामक दो लड़के खेल रहे थे, जब अचानक एक परी उनके सामने आई और उन्हें नए साल का तोहफा दिया।
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परी ने दोनों को सुंदर किताबें दीं, जिनके पन्ने पहली बार बर्फ की तरह साफ और सफेद थे।
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महीनों बाद, परी वापस आई और कहा कि वह उनकी किताबें फादर के पास वापस ले जानी है, लेकिन उसने उन्हें एक और नई किताब दी।
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गोपाल और पुनीत ने जब अपनी पुरानी किताबें देखीं, तो पाया कि उनके पन्नों पर गंदगी, काले धब्बे और निशान थे।
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परी ने बताया कि ये धब्बे उनके गलत कामों के कारण आए थे, जैसे झूठ बोलने और माता-पिता की बात न मानने पर।
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सुंदर चित्र और सजावट उनके अच्छे कामों का परिणाम थे, जैसे प्यार से व्यवहार करना और खुश रहना।
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गोपाल और पुनीत ने परी से पूछा कि क्या वे किताबें फिर से पा सकते हैं, लेकिन परी ने कहा कि अब नहीं, क्योंकि ये पिछले साल की किताबें थीं।
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परी ने उन्हें नई किताबें दीं और कहा कि वे अच्छे काम करके इन किताबों को सुंदर बनाएं।
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कहानी का संदेश यह है कि हमारे अच्छे और बुरे कर्म हमारे जीवन में छाप छोड़ते हैं, और हमें हमेशा अच्छे काम करने चाहिए।
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परी के जाने के बाद, लड़कों ने अपनी नई किताबों के पहले पन्ने पर 'इस नए साल के लिए' लिखा देखा।
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