प्रेरक कथा | तोड़ना सरल, जोड़ना कठिन

Jul 26, 2025, 06:06 PM

तोड़ना सरल, जोड़ना कठिन

इस प्रेरक कथा का आरंभ एक गहरे संदेश से होता है, जो हमें जीवन के मूल्यों की ओर ले जाता है, विशेषकर जब समाज में हिंसा और अलगाव का माहौल हो।

तोड़ना सरल, जोड़ना कठिन

कहानी में मुख्य पात्र कुख्यात डाकू अंगुलिमाल है, जो लोगों को मारकर उनकी अंगुलियों की माला बनाता था और उसने 100 अंगुलियाँ एकत्र करने की प्रतिज्ञा की थी।

तोड़ना सरल, जोड़ना कठिन

गौतम बुद्ध की शिक्षाएँ इस कहानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जब वे अंगुलिमाल के रास्ते से गुजरते हैं और उसे अहिंसा का पाठ पढ़ाते हैं।

तोड़ना सरल, जोड़ना कठिन

बुद्ध के साथ बातचीत के दौरान, अंगुलिमाल को एहसास होता है कि किसी चीज़ को तोड़ना आसान है, लेकिन उसे जोड़ना कठिन है।

तोड़ना सरल, जोड़ना कठिन

बुद्ध की गहन बातें अंगुलिमाल के हृदय में गहरी छाप छोड़ती हैं, जिससे वह अपने हिंसक मार्ग को छोड़कर शांति और सृजन के मार्ग पर चलने का निर्णय लेता है।

तोड़ना सरल, जोड़ना कठिन

अंगुलिमाल अपनी तलवार फेंक देता है और बुद्ध से दीक्षा लेकर संन्यास का रास्ता अपनाता है, यह दिखाता है कि परिवर्तन संभव है।

तोड़ना सरल, जोड़ना कठिन

इस कथा से यह शिक्षा मिलती है कि हिंसा करना सरल है, लेकिन किसी को जोड़ना और सृजन करना कठिन है, और सृजन करने वाला ही वास्तव में महान होता है।

तोड़ना सरल, जोड़ना कठिन

कहानी यह भी दर्शाती है कि जो विनाश करता है, वह अंधेरे का साथी होता है,

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जबकि जोड़ने और सृजन करने वाला प्रकाश का मार्गदर्शक होता है।