अहंकार का टूटना: एक राजा और विद्वान की कहानी

Jun 10, 2025, 11:55 AM

एक राजा और विद्वान की कहानी

एक घमंडी और अहंकारी राजा का राज्य था, जो अपनी राजसी सुख-सुविधाओं में मग्न रहता था और अपने दरबारियों को मूर्ख समझता था।

एक राजा और विद्वान की कहानी

राजा के दरबार में एक विद्वान पंडित थे, जिन्हें राजा सम्मान तो देता था, लेकिन कभी बराबरी का दर्जा नहीं देता था।

एक राजा और विद्वान की कहानी

राजा ने अपने ज्ञान का प्रदर्शन करने के लिए एक विशेष सभा का आयोजन किया, जिसमें पंडित जी का भाषण सुनाया गया।

एक राजा और विद्वान की कहानी

भाषण के बाद, एक मामूली माली ने कहा कि वह भाषण नहीं समझ सका, जिससे राजा ने उसका अपमान किया।

एक राजा और विद्वान की कहानी

माली ने शांत स्वर में कहा कि हर व्यक्ति का काम महत्वपूर्ण है, और वह अपने काम से दरबार की सेवा करता है।

एक राजा और विद्वान की कहानी

माली के शब्दों ने राजा को सोचने पर मजबूर कर दिया कि हर किसी का योगदान महत्वपूर्ण होता है।

एक राजा और विद्वान की कहानी

राजा को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने घमंड का त्याग कर सभी को सम्मान देने का प्रण किया।

एक राजा और विद्वान की कहानी

कहानी का संदेश है कि अहंकार का पतन निश्चित है

एक राजा और विद्वान की कहानी

और हर व्यक्ति के काम का महत्व होता है।