बाल कहानी : भला कर भला हो

एक लड़का अपनी स्कूल की फीस भरने के लिए घर-घर सामान बेचता था, लेकिन एक दिन भूखा होने के बावजूद कुछ नहीं बेच सका और उसने भोजन मांगने का निर्णय किया।

जब वह एक घर के द्वार पर पहुंचा, तो एक लड़की ने दरवाजा खोला। लड़के ने भोजन की जगह पानी मांगा, लेकिन लड़की ने उसे एक गिलास दूध दिया।

लड़की ने लड़के से पैसे लेने से मना कर दिया, यह कहते हुए कि उसकी माँ ने उसे सिखाया है कि दया का कोई मूल्य नहीं होता। इस दया भाव ने लड़के को गहरी प्रेरणा दी।

लड़के ने अपनी पढ़ाई पूरी की और एक सफल डॉक्टर बन गया। कई सालों बाद वही लड़की गंभीर रूप से बीमार हो गई और उसे बड़े अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया।

डॉक्टर के रूप में लड़के ने लड़की को पहचान लिया और उसकी जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया।

लड़की का इलाज सफल रहा, लेकिन उसे अस्पताल के बिल की चिंता थी। जब उसने बिल खोला, तो उसमें एक नोट लिखा था कि बिल का भुगतान एक गिलास दूध द्वारा किया जा चुका है।

इस नोट पर डॉक्टर के हस्ताक्षर थे, जिसने लड़की को खुशी और आंसुओं से भर दिया।

कहानी का संदेश यह है कि दूसरों के प्रति किया गया भला कार्य अंततः हमारे पास वापस आता है।

अगर आप दूसरों भला करोगे तो, आपके साथ भी भला ही होगा !