Read Full Story
यह कहानी एक मनुष्य और उसके दो पालतू जानवरों, कुत्ता और सुअर, के बीच के संबंधों पर आधारित है, जो मेहनत, चालाकी और न्याय की सीख देती है।
Read Full Story
मनुष्य चाहता था कि उसके जानवर खेतों में काम करें, लेकिन दोनों जानवर सिर्फ खाने और सोने में व्यस्त रहते थे।
Read Full Story
थक-हारकर, मनुष्य ने दोनों जानवरों को काम करने की चेतावनी दी, जिससे सुअर ने मेहनत करना शुरू कर दिया, जबकि कुत्ता चालाकी से काम कर गया।
Read Full Story
सुअर ने पूरी मेहनत से खेत खोदा, लेकिन चालाक कुत्ते ने उसके काम का श्रेय लेने के लिए अपने पैरों के निशान छोड़ दिए।
Read Full Story
शाम को जब मनुष्य ने काम का हिसाब मांगा, तो कुत्ते ने चालाकी से सुअर पर झूठा आरोप लगाया, जिससे मनुष्य भ्रमित हो गया।
Read Full Story
अगले दिन, मनुष्य ने खेत में जाकर केवल कुत्ते के निशान देखे, जिससे सुअर पर झूठ बोलने का आरोप लगा और उसे सजा मिली।
Read Full Story
कुत्ता मनुष्य का प्रिय बन गया, जबकि सुअर को बाहर रहना पड़ा, लेकिन सुअर ने अपनी मेहनत और सच्चाई पर विश्वास नहीं छोड़ा।
Read Full Story
कहानी सिखाती है कि मेहनत का फल देर से ही सही, लेकिन मिलता जरूर है, जबकि चालाकी से मिली जीत अस्थायी होती है।
Read Full Story
यह शिक्षा देती है कि ईमानदारी और धैर्य का रास्ता लंबा हो सकता है, लेकिन अंततः सच्चाई की जीत होती है।
Read Full Story