शिक्षा बड़ी या धन: एक अनोखी नैतिक कहानी

इस कहानी का शीर्षक "शिक्षा बड़ी या धन" है, जो यह बताता है कि शिक्षा का महत्व धन से अधिक है क्योंकि यह हमें सही रास्ता दिखाने में मदद करती है।

कहानी में दो भाई, रामू और श्यामू की कहानी बताई गई है। रामू शिक्षा को प्राथमिकता देता है, जबकि श्यामू जल्दी से धन कमाने की इच्छा रखता है।

रामू शिक्षा प्राप्त करने के बाद गाँव के स्कूल में शिक्षक बन जाता है और बच्चों को अच्छे संस्कार सिखाता है। वह अपने ज्ञान से संतुष्ट है।

श्यामू पढ़ाई छोड़कर धन कमाने के लिए शहर जाता है और कुछ वर्षों में बहुत सारा धन कमा लेता है। उसे लगता है कि उसके पास अब सब कुछ है।

एक दिन गाँव में बाढ़ आ जाती है, जिससे श्यामू का सारा धन नष्ट हो जाता है। वह रामू के पास मदद के लिए जाता है।

रामू अपनी शिक्षा का उपयोग करके गाँव वालों की मदद करता है और उन्हें एक योजना बनाकर बाढ़ से निपटने के तरीकों के बारे में सिखाता है।

श्यामू को अपनी गलती का एहसास होता है और वह समझता है कि शिक्षा धन से बड़ी है और हमेशा हमारे साथ रहती है।

अंत में, श्यामू फिर से पढ़ाई शुरू करता है और रामू के साथ मिलकर गाँव के बच्चों को पढ़ाने में मदद करता है।

यह कहानी बच्चों को शिक्षा के महत्व के बारे में सिखाती है और यह भी कि शिक्षा मुश्किल समय में हमारी मदद कैसे कर सकती है।

कहानी प्रेरणादायक है और इसमें गहरी सीख छुपी है, जो बच्चों को शिक्षा के महत्व को समझने में मदद करती है।